सलाम वतन
-- Ameeruddin Ameer, Member of Writers Forum Kuwait
Monday, January 16, 2023
फुलों की तरह महके तारों की तरह चमकें
मेरे वतन पे खुदा रहमत तेरी सदा बरसे
इसमें है करोडो बसे, जो करे दुआ तुझ से
इसके आंगन को खुदा, बचाले तु हर बला से
फुलों की तरह महके तारों की तरह चमकें...
इल्तेजा बस इतनी है, रन्जिशे मिटा दिल के
अमन रहे कायम और, हम जियें मोहब्बत से
फुलों की तरह महके तारों की तरह चमकें...
दुश्मनों की साजिश को, करदे नाकाम खुदा
हम भाइयों को आपस में, लडाना है वो चाहते
फुलों की तरह महके तारों की तरह चमकें...
रख़ हर वबा से परे इसे, रहे बाग इस्के हरे भरे
कमी कोई कभी ना हो, करमं इस्पे तेरा सदा रहे
फुलों की तरह महके तारों की तरह चमकें...
हुक्मरानों को इसके खुदा, सेहत दे हिक्मत दे
ज़ुल्म ना हो उन्से कभी, फैसले करे सभी अदल से
फुलों की तरह महके तारों की तरह चमकें...
मेरी ख्वाहिश भी है दुआ भी, चाहे मै रहू जहां भी
गुज़रे जीवन देश की खातिर, और मौत आये शहादत से
फुलों की तरह महके तारों की तरह चमकें
मेरे वतन पे खुदा रहमत तेरी सदा बरसे
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Ameeruddin Ameer, Member of Writers Forum Kuwait |
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