e-Rupee :- भारत का डिजिटल युग में एक नया कदम

Devash Kumar
Thursday, December 1, 2022

आज तारीख 1 दिसंबर-2022 से रिटेल डिजिटल रुपया को रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया पाइलट प्रोजेक्ट के रूप में लांच कर रहा हैं. 1 नवंबर 2022 से होलसेल के लिए e -रूपी लांच किया गया था.

e -रूपी ,रिज़र्व बैंक के "सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी [CBDC ] का नकद रूपए का डिजिटल रूप हैं जिसे आज से चार शहरों [ दिल्ली,मुंबई,बंगलोरे और भुबनेश्वर ] में शुरू किया गया हैं ,शुरूआती दौर में चार बैंक [ स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया , आईसीआईसीआई ,यस बैंक और आई डी ऍफ़ सी फर्स्ट बैंक ] इस डिजिटल करेंसी के प्रारंभिक पदार्पण में शामिल रहेंगे, बाद में 5 और बैंक इसमें शामिल होंगे.

और क्या दुनिया में कोई और देश इसका इस्तेमाल करता हैं अगर हाँ तो क्या परिणाम हैं इसके ?

तो उत्तर यह हैं की - लगभग 100 से ज्यादा देश इस समय डिजिटल करेंसी की सम्भावनाओ पर अन्वेषण कर रहे हैं और तकरीबन 10 देशो ने डिजिटल करेंसी का उपयोग भी शुरू कर दिया हैं जिसमे प्रमुख हैं नाइजीरिया , जमैका ,बहामास जिन्होंने डिजिटल करेंसी को अक्टूबर-2020 में लागु किया जिसे उन्होंने 'सैंड-डॉलर [SAND DOLLAR ]" का नाम दिया.

चीन संभवत 2023 में डिजिटल करेंसी लागु करेगा और G-20 के 19 देश जो एकमुश्त में दुनिया की बड़ी अर्थवयवस्था बनाते हैं , वे भी इसकी सम्भावनाओ पर अन्वेषण कर रहे हैं .

अमेरिका और ब्रिटैन भी इस सूची में शामिल हैं पर उन्होंने अभी कुछ पक्के तौर पर घोषणा नहीं की हैं.

सितम्बर 2022 में ,स्वीडिश, नार्वेजियन और इस्राइली सेंट्रल बैंक ने एक प्राथमिक प्रोजेक्ट किया था जिसमे उन्होंने बैंक फ़ोर इंटरनेशनल सेट्लमेंट्स से अंतराष्ट्रीय खुदरा और धन-प्रेषण में डिजिटल करेंसी की उपयोगिता जांच की थी .

अब प्रश्न यह हैं की भाई यह डिजिटल करेंसी क्या हैं ,कैसे काम करेगा और क्या जरुरत हैं ?
क्योंकि -

• e -रूपी वर्तमान करेंसी का डिजिटल रूप होगा .
• यह ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर आधारित होगा.
• यह वर्तमान करेंसी के सभी प्लेटफार्म पर अंतर-संचालित किया जा सकेगा .
• यह हमारे देश में दो तरह का होगा- CBDC -होलसेल और CBDC -रिटेल
• इसमें करेंसी का मूल्य अभी इस्तेमाल की जाने वाली करेंसी के बराबर ही होगा.
• इसे नोट और सिक्के के तरह ही व्यवहार में लाया जायेगा और इसे हम मोबाइल वॉलेट में रख सकते हैं.
• इसमें बैंक अकाउंट की जरुरत नहीं होगी.
• e -रूपी को करेंसी के अन्य रूप में बदला जा सकता हैं.

वर्तमान में हमें किसी भी तरह का ट्रांसक्शन करने के लिए अपने खाते में एक बार तो पैसा ट्रांसफर करना होता ही हैं पर इस डिजिटल करेंसी में ऐसा नहीं होगा ,RBI फिजिकल करेंसी के स्थान पर डिजिटल वॉलेट जो की आपके मोबाइल या अन्य साधनो में होगा में पैसा प्रेषित करेगा .
व्यक्ति अपने डिजिटल वॉलेट से पर्सन टू पर्सन [P 2 P ]और पर्सन टू मर्चेंट [P 2 M] ट्रांसक्शन कर सकेगा.

अभी के फिजिकल पैसे और डिजिटल रूपए में कुछ महत्वपूर्ण अंतर होंगे जैसे की :-

करेंसी का रूप :- अभी यह फिजिकल फॉर्म में हैं चाहे आपके पर्स में हो या बैंक में , e -रूपी में यह पूर्णतया डिजिटल होगा
प्रिंटिंग :- अभी करेंसी प्रिंट या ढाले जाते हैं जिसका खर्च होता हैं सरकार पर .
100 रूपए का नोट जिसके हमें पूरे मूल्य मिलते हैं, पर सरकार को एक 100 रुपया छापने का खर्च लगभग 15 से 20 रूपए आता हैं,e -रूपी में यह यह खर्च लगभग ख़तम हो जायेगा सिर्फ सरकार को इसके परिचालन लागत का खर्चा आएगा .
नष्ट/ ख़राब/चोरी होने का खतरा- वर्तमान करेंसी गीली हो सकती हैं,फट सकती हैं, जल सकती हैं ,चोरी हो सकता हैं , e -रूपी में इस तरह का कोई खतरा नहीं हैं.
नकली करेंसी - वर्तमान करेंसी के लेनदेन में कभी भी हमें नकली करेंसी मिल सकती हैं जिससे नुकसान हो सकता हैं,पर e -रूपी में ऐसा कोई खतरा नहीं होगा .
यह तो आम व्यक्ति और व्यापारी को होने वाले लाभ हैं ,साथ ही साथ सरकार को रूपए की छपाई ,उसकी ढुलाई ,रखरखाव ,सुरक्षा में बचत होगी और इससे संभावना हैं की काले धन पर रोक लगेगी और फिजिकल करेंसी से देश विरोधी गतिविधि में पैसा आसानी से लेनदेन होता था , e -रूपी से इस पर सख्त लगाम लगेगी .
कुछ गल्फ देशो में कर्मचारियों को उनके वेतन का कुछ हिस्सा डिजिटल फॉर्म में दिया जाता हैं जिससे वह अपने परिवार को पहले से कम खर्च [रेमिटेंस कॉस्ट] में पैसा भेज पाते हैं .
e -रूपी प्राइवेट से क्रिप्टो करेंसी [बिटकॉइन इत्यादि ] जो की बिना किसी विनियमन के चलते हैं और इनसे टैक्स चोरी , अन्य गैरकानूनी गतिविधियों को आसानी से पोषित किया जाता हैं पर जरुरी लगाम लगेगी .
क्या e -रूपी में कुछ संशय भी हैं ?
हाँ कुछ संशय अभी साफ़ नहीं हुए हैं जैसे की -
क्या इंटरनेट के बिना भी हम e -रूपी का ट्रांसक्शन कर सकते हैं ?
अभी तक मिली जानकारी में ऐसा किया जा सकता हैं पर यह कैसे होगा अभी साफ़ नहीं हैं.
क्या इसकी जालसाजी की जा सकती हैं ?
इसकी तस्वीर अभी क्लियर नहीं हैं ,क्योंकि इसकी जालसाजी समय के साथ ही पता चल पायेगी .
अन्य तथ्य:-
RBI द्वारा जारी डिजिटल करेंसी संप्रभु गारंटीयुक्त वैध करेंसी होगी .
विनिमय के एक माध्यम के रूप में डिजिटल रुपये से आसान, तेज, सुगम होने की उम्मीद है.
पहले पायलट मामले में, सरकारी प्रतिभूतियों में द्वितीयक बाजार [Secondary Market] लेनदेन के निपटान के लिए डिजिटल रुपये मुद्रा का उपयोग किया जाएगा.
प्रत्येक भाग लेने वाले बैंक को अन्य भागीदार प्रतिबंध के साथ सरकारी बॉन्ड की बिक्री और खरीद के व्यक्तिगत लेनदेन को निष्पादित करने के लिए आवश्यक धनराशि स्थानांतरित करके आरबीआई के साथ एक अलग सीबीडीसी खाता बनाए रखने की आवश्यकता है.
प्रत्येक लेन-देन वास्तविक समय के आधार पर किया जायेगा यानी सरकारी प्रतिभूतियों [Government Securities] के सौदों के लिए मौजूदा T+1 दिन के आधार पर लेनदेन की जगह यह दिन जोड़ शून्य (T+0) दिन का होगा यानी पूरी तरह एक दिन की बचत .
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा शुरू की गई डिजिटल मुद्रा का भारतीय अर्थव्यवस्था पर विशेष रूप से और विशेष रूप से बैंकिंग क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा, आरबीआई द्वारा जारी किया गया नया डिजिटल रुपया अर्थव्यवस्था में कुल मुद्रा आपूर्ति का एक हिस्सा बनेगा जो बदले में कुल मांग और कीमतों को प्रभावित करेगा.
अर्थव्यवस्था में कुल मिलाकर नकदी पर निर्भरता कम होने की उम्मीद है.
अर्थव्यवस्था में वास्तविक समय दृश्यता [ Real Time Visibility] और अंतर्दृष्टि [ Insights] नीति निर्माताओं [policy makers] के लिए उपलब्ध होगी और समग्र लागत-प्रभावशीलता [overall cost-effectiveness] और दक्षता [ efficiency] में सुधार होगा.

अंत में भरोसा - यह सबसे महत्वपूर्ण हैं
जो की समय के साथ पुख्ता या कमजोर होगा पर अभी तक की जानकारी इसके सुखद और प्रभावशाली होने की ओर इशारा कर रहे हैं.


देवेश कुमार
रेजिडेंट प्रबंधक ,
भारतीय जीवन बीमा निगम-अंतरराष्ट्रीय [कुवैत]






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