आप इतरा सकते हैं कि हिंदी आपके देश की भाषा हैं

Devesh Kumar
Tuesday, January 11, 2022


विश्व हिंदी दिवस -10 जनवरी - हर साल इस दिन क्यों मनाया जाता है ?
विश्व हिंदी दिवस 1975 में आयोजित पहले विश्व हिंदी सम्मेलन जिसका उद्घाटन तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने नागपुर में किया था, की वर्षगांठ को मनाने के लिए प्रतिवर्ष 10 जनवरी को मनाया जाता है।
हिंदी भाषा मूलतः संस्कृत की सबसे नजदीकी वंशज मानी जा सकती हैं |
हिंदी को इसका नाम फारसी शब्द हिंद से मिला है, जिसका अर्थ है “सिंधु नदी की भूमि” |
अब सवाल यह उठता हैं कि हिंदी दिवस और विश्व हिंदी दिवस अलग अलग क्यों हैं ?
हिंदी दिवस प्रत्येक वर्ष 14 सितंबर को मनाया जाता है।
सन 1918 में गांधी जी ने हिन्दी साहित्य सम्मेलन में हिन्दी भाषा को राष्ट्रभाषा बनाने का सुझाव दिया था। 14 सितम्बर 1949 को संविधान सभा ने सर्वसम्मिती से निर्णय लिया कि हिन्दी ही भारत की राजभाषा होगी। इसी महत्वपूर्ण निर्णय के महत्व को प्रतिपुर्ति के लिए तथा हिन्दी को प्रत्येक क्षेत्र में बढ़ाने के लिये राष्ट्रभाषा प्रचार समिति-वर्धा के अनुरोध पर वर्ष 1953 से पूरे भारत में 14 सितम्बर को प्रतिवर्ष हिन्दी दिवस के रूप में मनाया जाता है।
वहीं विश्व हिन्दी दिवस हर वर्ष 10 जनवरी को मनाया जाता है। इसका उद्देश्य विश्व में हिन्दी के प्रचार-प्रसार के लिये संभव जागरूकता पैदा करना तथा प्रमुख रूप से हिन्दी को अन्तरराष्ट्रीय भाषा के रूप में पेश और स्थापित करना है।
विदेशों में भारत के दूतावास और विभिन्न कार्यालय इस दिन को विशेष रूप से मनाते हैं।
भारत के पूर्व प्रधानमन्त्री मनमोहन सिंह ने 10 जनवरी 2006 को प्रति वर्ष विश्व हिन्दी दिवस के रूप मनाये जाने की घोषणा की थी। ततपश्चात भारतीय विदेश मंत्रालय ने विदेश में 10 जनवरी 2006 को पहली बार विश्व हिन्दी दिवस मनाया था।
इस वर्ष के विश्व हिंदी दिवस का विषय बिंदु [Theme] हैं- "भारतीय उपमहाद्वीप के सभी लोग हिंदी समझे और विदेशो में भी इसका प्रचार प्रसार किया जाए"
हिंदी भाषा के बारे में रोचक तथ्य
1- आज जो हिंदी व्यवहार में लायी जाती हैं इसका उदय लगभग 1900 ई. से माना जाता हैं |
2- हिंदी भाषा में पहली रचना 1000 ई. में रची खुमान रासो हैं |
3- खुमान रासो के बाद बीसलदेव रासो और पृथ्वीराज रासो की रचना हुई |
4- यह भी मजेदार बात हैं की तब तक हिंदी जनमानस की बोलचाल भाषा नहीं थी | हिंदी को व्यापकता तब मिली जब अध्यात्म से जुड़े गुरु नानक देव जी, रैदास .सूरदास ,कबीर इत्यादि ने हिंदी में भजन ,कवितायेँ लिखना , सुनाना शुरू किया ,जो हिंदी आज प्रचलित हैं उसमे पहला गद्य भारतेन्दु हरिश्चंद्र द्वारा रचित था जिन्हे सर्वसम्मत से आधुनिक हिंदी का जनक माना जाता हैं |
5-आज दुनिया में 5० से अधिक देशो में लगभग 176 विश्वविद्यालयो और तकरीबन 500 संस्थानों में हिंदी पढ़ी और पढाई जाती हैं |
6-फिजी में हिंदी को आधिकारिक भाषा का दर्जा प्राप्त हैं, फिजी की हिंदी जिसे हम फीजियन हिंदी कहते हैं यह अवधी,भोजपुरी और अन्य बोलियों का समिश्रित रूप हैं |
7- तिब्बत,त्रिनिदाद,मॉरीशस, फिलीपींस, नेपाल, गुयाना, यूगांडा ,सूरीनाम और पाकिस्तान में भी हिंदी बोली जाती हैं |
8- 1913 में, दादा साहब फाल्के द्वारा पहली हिंदी फिल्म, राजा हरिश्चंद्र रिलीज़ की गई थी, और पहली हिंदी में “बोलती फिल्म” का नाम था आलम आरा |
9- लल्लू लाल द्वारा 1805 में प्रकाशित प्रेम सागर हिंदी में पहली प्रकाशित पुस्तक है।
10- बिहार उर्दू की जगह हिंदी को अपनी आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाने वाला पहला राज्य था।
11- मंदारिन चीनी, स्पेनिश और अंग्रेजी के बाद हिंदी को दुनिया की चौथी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा माना जाता है।
12- लगभग 75% से ज्यादा भारतीय हिंदी पढ़, लिख, बोल या समझ सकते हैं |
13- भाषा के आधार पर हिंदी दुनिया में दूसरे नंबर पर हैं जिसमे सबसे ज्यादा फिल्मे बनती हैं |
14- भारतीय राजदूतावास-नॉर्वे ,पहला राजदूतावास था जिसने पहला विश्व हिंदी दिवस मनाया था |
15- 2017 में ऑक्सफ़ोर्ड डिक्शनरी ने हिंदी शब्द "सूर्य नमस्कार", "बच्चा" ,"अच्छा" और "बड़ा दिन" को डिक्शनरी में सम्मिलित किया |
16-वर्ल्ड इकनोमिक फोरम के अनुसार हिंदी विश्व की प्रथम दस शक्तिशाली भाषाओं में से एक हैं |
17 - हिंदी में पहली कविता आमिर खुसरू ने लिखी थी |
18- गूगल के अनुसार इंटरनेट की दुनिया में जहाँ अंग्रेजी कंटेंट 19 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा हैं वहीं हिंदी कंटेंट की वृद्धी 94 % से बढ़ रही हैं , यही रफ़्तार हमें ट्विटर,फेसबुक,व्हाट्सप्प जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर भी देखने को मिल रही हैं ,और अब हिंदी उन भाषाओं में भी शामिल हैं जिसका इस्तेमाल वेब एड्रेस [ URL’S ] बनाने के लिए होता हैं |
19 - आगरा स्थित केंद्रीय हिंदी संस्थान पांच दशक से हिंदी के प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। भारत के 20 गैर-हिंदी भाषी राज्यों से हर साल 250 छात्र-छात्राएं यहां हिंदी सीखने आते हैं। पिछले सालो में प्रत्येक वर्ष लगभग 31 देशों के करीब 100 नागरिकों ने यहां दाखिला लिया।
20- यहां हिंदी सीखने के लिए अफगानिस्तान, अर्मेनिया, बांग्लादेश, चीन, क्रोएशिया, मिस्र, फिजी, फ्रांस, हंगरी, लिथुआनिया, मॉरीशस, मैक्सिको, मंगोलिया, रूस, स्लोवाकिया, दक्षिण कोरिया, सुरीनाम, श्रीलंका, ताजिकिस्तान, थाईलैंड, त्रिनिदाद टोबैगो, यूक्रेन, उज्बेकिस्तान, वियतनाम आदि देशों से छात्र आते हैं।

साभार :- स्वयं की जानकारी एवं विभिन्न इंटरनेट सामग्री पर आधारित

देवेश कुमार
निवासी प्रबंधक
भारतीय जीवन बिमा निगम [अंतराष्ट्रीय] – कुवैत

s


Read this article at www.indiansinkuwait.com